60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025: अमित शाह ने किया उद्घाटन — राष्ट्रीय सुरक्षा पर 9 बड़े फोकस
60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 भारत की आंतरिक सुरक्षा आर्किटेक्चर को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। रायपुर (छत्तीसगढ़), 29 नवंबर 2025 को गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। देशभर के DGPs/IGPs, केंद्रीय एजेंसियाँ और नीति-निर्माता यहाँ एक मंच पर मिलकर साइबर अपराध, आतंकवाद-रोधी रणनीति, ड्रग्स नेटवर्क, सीमाई सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, AI-enabled policing और डेटा-ड्रिवन गवर्नेंस जैसे विषयों पर चर्चा कर रहे हैं।
सूची
- सम्मेलन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
- अमित शाह का संबोधन — “नई चुनौतियों के लिए नई सोच”
- तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य विषय
- राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्यों की भूमिका
- सम्मेलन में शामिल प्रमुख अधिकारी
- टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग
- निष्कर्ष — सुरक्षा, सहयोग और सशक्त भारत
- 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 – ताज़ा अपडेट
- सवाल–जवाब
सम्मेलन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
यह वार्षिक कॉन्फ्रेंस केंद्र–राज्य समन्वय को मजबूत कर एक एकीकृत सुरक्षा पारिस्थितिकी गढ़ने के लिए आयोजित होती है। 2025 संस्करण की मेजबानी छत्तीसगढ़ पुलिस कर रही है। आयोजन स्थल के रूप में आधुनिक प्रशिक्षण अवसंरचना वाले Central Police Training Academy का चयन दर्शाता है कि फोकस केवल नीतियों पर नहीं, बल्कि ऑपरेशनल उत्कृष्टता और क्षमता निर्माण पर भी है। साथ ही, उभरते खतरों—डार्क वेब क्राइम, ड्रोन-वेक्टर, डाटा चोरी—के लिए अंतर्संस्थागत प्रोटोकॉल पर सहमति इस मंच पर बनी रहती है।अमित शाह का संबोधन — “नई चुनौतियों के लिए नई सोच”
उद्घाटन सत्र में गृह मंत्री ने संकेत दिया कि पारंपरिक अपराध से आगे बढ़कर अब टेक-इनेबल्ड थ्रेट्स से निपटने के लिए पुलिसिंग को पुनर्परिभाषित करना होगा। उन्होंने राज्यों से Cyber Command Centres स्थापित करने, डिजिटल फॉरेंसिक क्षमता बढ़ाने और इंटरऑपरेबल क्राइम डेटाबेस साझा करने पर जोर दिया। साथ ही NDPS से जुड़े नेटवर्क पर संयुक्त एक्शन प्लान, ड्रोन-काउंटरमेज़र्स और फ्यूजन सेंटर मॉडल की ओर भी संकेत किया—ताकि इंटेलिजेंस से लेकर अंतिम प्रतिक्रिया तक OODA loop तेज हो।तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य विषय
- साइबर अपराध व डेटा सुरक्षा: रैनसमवेयर, फिशिंग, डीपफेक, फिनटेक फ्रॉड के लिए SOPs और स्किल अपग्रेड।
- सीमापार अपराध/आतंकवाद रोकथाम: बहु-एजेंसी जॉइंट टास्किंग व ओपन-सोर्स इंटेल।
- AI और स्मार्ट पुलिसिंग: प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स, फेसियल रिकग्निशन, वीडियो इंटेलिजेंस की एथिकल रूपरेखा।
- NDPS रणनीति: सप्लाई-डिमांड दोनों छोर पर स्ट्राइक; राज्य/केंद्र साझा डैशबोर्ड।
- भीड़/आकस्मिक प्रबंधन: बड़े आयोजनों में रियल-टाइम कमांड-कंट्रोल।
- अंतरराज्यीय अपराध नेटवर्क: वारंट/समन/ट्रांजिट समन्वय को डिजिटाइज़ करना।
- महिला/बाल सुरक्षा: जेंडर-सेंसिटिव पुलिसिंग, फास्ट-ट्रैक सहायता और पीड़ित सहायता सेल।
- आंतरिक जवाबदेही: Body-Worn Cameras, केस-ऑडिट और मानवाधिकार प्रशिक्षण।
- क्षमता निर्माण: साइबर, OSINT, डाटा साइंस में स्पेशलाइज्ड स्किल-लैडर्स।
- समुदायिक पुलिसिंग 2.0: बीट-इंटेल, सिटिजन ऐप्स, MIS-enabled शिकायत निस्तारण।
- डिजास्टर/CBRN तैयारी: संयुक्त मॉक-ड्रिल्स व स्टैंडर्ड रेस्पॉन्स प्रोटोकॉल।
- कानूनी/प्रक्रियात्मक सुधार: ई-FIR, ई-समन, वर्चुअल केस-फ्लो का विस्तार।
राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्यों की भूमिका
गृह मंत्री के अनुसार आंतरिक सुरक्षा सहभागी संघवाद से ही टिकाऊ बनती है। नक्सल-प्रभावित इलाकों में घटनाओं में कमी, उग्रवाद पर नियंत्रण और संगठित अपराध पर प्रहार—ये उपलब्धियाँ केंद्र–राज्य तालमेल से संभव हुईं। कॉन्फ्रेंस में राज्य पुलिस नेतृत्व से अपेक्षा है कि वे अपने-अपने SOPs को best-practice sharing के साथ अपग्रेड करें, ताकि कानून-व्यवस्था, जांच और अभियोजन तीनों चरण तेज हों।सम्मेलन में शामिल प्रमुख अधिकारी
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)
- गृह सचिव, केंद्रीय जांच/खुफिया एजेंसियों के प्रमुख
- सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के DGP/IGP
- आयोजक राज्य: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, DGP और वरिष्ठ अधिकारी
टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग
थीम है “Smart Policing through Technology”। प्रस्तुतियों में AI-analytics, Drone-surveillance, Facial Recognition, OSINT harvesting और crime-mapping शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने Digital Policing Vision 2030 का खाका साझा किया—जिसमें इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म, क्रॉस-जूरिडिक्शन डेटा-शेयरिंग, प्राइवेसी-बाय-डिज़ाइन और समेकित HR-स्किलिंग रोडमैप प्रस्तावित है। लक्ष्य: पुलिसिंग को reactive से predictive-preventive मोड में शिफ्ट करना।निष्कर्ष — सुरक्षा, सहयोग और सशक्त भारत
60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 ने स्पष्ट कर दिया कि अगला दशक टेक-इंटेंसिव, इंटेल-रिच और सिटिजन-सेंट्रिक पुलिसिंग का होगा। नीति-स्तर से लेकर थाने स्तर तक, डेटा-शेयरिंग और कौशल-विकास पर निवेश बढ़े तो अपराध-न्याय तंत्र में विश्वसनीयता और दक्षता दोनों बढ़ेंगी। यह सम्मेलन केवल विचार-मंच नहीं—बल्कि एक्शन प्लान की दिशा तय करने वाला मैकेनिज़्म है। 👉 Source: PIB – 60th DGP/IGP Conference Raipur 2025 🔗 NeoYojana — Breaking News [ad_2]60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 – ताज़ा अपडेट
- सत्र-वार कार्यपत्र और मुख्य निष्कर्ष प्रकाशित होने पर इसी पेज पर जोड़े जाएंगे।
- राज्यों के Cyber Command Centres की प्रगति रिपोर्ट—त्रैमासिक आधार पर अपडेट।
- Digital Policing Vision 2030 के पायलट-स्टेट्स की सूची और टाइमलाइन जल्द।
सवाल–जवाब (FAQ)
Q. 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस का प्राथमिक लक्ष्य क्या है? A. केंद्र–राज्य समन्वय से सुरक्षा तंत्र को टेक-ड्रिवन बनाना और उभरते खतरों पर साझा रणनीति तय करना। Q. क्या नई टेक पहलें जमीनी पुलिसिंग तक जाएँगी? A. हाँ, विज़न 2030 रोडमैप में थाने स्तर तक डिजिटल केस-फ्लो, ई-FIR, डिजिटल फॉरेंसिक और बीट-ऐप्स का विस्तार शामिल है। Q. नागरिकों के लिए तात्कालिक लाभ क्या? A. तेज FIR/ट्रैकिंग, पारदर्शी शिकायत निस्तारण, और संवेदनशील—विशेषकर महिला/बाल सुरक्षा—प्रणालियाँ। Q. आगे की आधिकारिक जानकारी कहाँ मिलेगी? A. PIB और गृह मंत्रालय की अपडेट्स के साथ-साथ NeoYojana Breaking News पर ताज़ा जानकारी।संक्षेप में: 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ऊपर दिए गए हैं।
सूची
- सम्मेलन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
- अमित शाह का संबोधन — “नई चुनौतियों के लिए नई सोच”
- तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य विषय
- राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्यों की भूमिका
- सम्मेलन में शामिल प्रमुख अधिकारी
- टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग
- निष्कर्ष — सुरक्षा, सहयोग और सशक्त भारत
- 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 – ताज़ा अपडेट
- सवाल–जवाब (FAQ)
- सवाल–जवाब
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- तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य विषय
- राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्यों की भूमिका
- सम्मेलन में शामिल प्रमुख अधिकारी
- टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग
- निष्कर्ष — सुरक्षा, सहयोग और सशक्त भारत
- 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 – ताज़ा अपडेट
- सवाल–जवाब (FAQ)
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- अमित शाह का संबोधन — “नई चुनौतियों के लिए नई सोच”
- तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य विषय
- राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्यों की भूमिका
- सम्मेलन में शामिल प्रमुख अधिकारी
- टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग
- निष्कर्ष — सुरक्षा, सहयोग और सशक्त भारत
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- सवाल–जवाब (FAQ)
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सूची
- सम्मेलन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
- अमित शाह का संबोधन — “नई चुनौतियों के लिए नई सोच”
- तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य विषय
- राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्यों की भूमिका
- सम्मेलन में शामिल प्रमुख अधिकारी
- टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग
- निष्कर्ष — सुरक्षा, सहयोग और सशक्त भारत
- 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 – ताज़ा अपडेट
- सवाल–जवाब (FAQ)
सवाल–जवाब
इस खबर का मुख्य मुद्दा क्या है?
यह लेख 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 विषय पर नवीनतम और तथ्यात्मक अपडेट प्रस्तुत करता है।
अगला आधिकारिक अपडेट कब मिलेगा?
जैसे ही आधिकारिक सूचना आएगी, यह लेख अपडेट किया जाएगा।
संक्षेप में: 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ऊपर दिए गए हैं।
संक्षेप में: 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ऊपर दिए गए हैं।
संक्षेप में: 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस रायपुर 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ऊपर दिए गए हैं।