550वीं वर्षगांठ समारोह: श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ — पीएम मोदी का संदेश और मठ का गौरव
श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ ने 28 नवम्बर 2025 को अपनी 550वीं वर्षगांठ (सार्ध-पंचशतामनोत्सव) मनाई। इस पावन अवसर पर कई धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक आयोजन हुए — जिनमें सबसे खास था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन, एक विशाल कांस्य प्रतिमा का अनावरण, स्मारक डाक टिकट व सिक्का जारी, और मठ द्वारा नए युग के लिए दी गई प्रतिबद्धताएँ।
मठ का इतिहास और 550 साल का सफर
गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ (जो पहले गौड़ सारस्वत ब्राह्मण वैष्णव मठों में से एक है) दक्षिण गोवा के पर्तगाळी (Partagali) में स्थित है। यह मठ आध्यात्मिक, सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से क्षेत्र का प्रमुख केंद्र रहा है। पिछले 550 वर्षों में मठ ने सामाजिक बदलावों और समय की चुनौतियों के बावजूद अपनी पहचान और परंपरा को जीवित रखा। यह केवल एक धार्मिक स्थान नहीं बल्कि एक जीवंत संस्कृति, ज्ञान और समाज सेवा का प्रतीक है।प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन: मुख्य संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में कहा कि “इस पावन अवसर पर मेरा मन गहरी शांति और श्रद्धा से भर गया है।” उन्होंने मठ को भारत की “जीवंत आध्यात्मिक धरोहर” बताया और कहा कि “इतिहास में जड़ें गहरी हों, पर शाखाएँ समय के साथ फैलती रहें — यही भारत की असली ताकत है।” उन्होंने कहा कि यह मठ केवल परंपरा का रक्षक नहीं, बल्कि आधुनिक भारत के निर्माण में प्रेरणा का स्रोत भी है।भाषण से प्रमुख उद्धरण
- “550 वर्षों में मठ ने अनेक तूफानों का सामना किया, लेकिन अपनी पहचान और मूल्यों को कभी नहीं छोड़ा।”
- “आज भारत एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है — मंदिरों का पुनर्निर्माण हो रहा है, अध्यात्म पुनः जन-जन तक पहुँच रहा है।”
- “गोकर्ण पर्तगाळी मठ इतिहास और आधुनिकता का सुंदर संगम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।”
समारोह के प्रमुख आयोजन
इस विशेष अवसर पर 77 फुट ऊँची भगवान श्री राम की भव्य कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। इसके साथ ही, एक रामायण थीम पार्क का भी उद्घाटन हुआ, जो भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को आधुनिक प्रस्तुति के माध्यम से दिखाएगा। इसके अतिरिक्त, मठ की 550 वर्ष की यात्रा की स्मृति में एक विशेष डाक टिकट और ₹550 का स्मारक सिक्का जारी किया गया।समाज और संस्कृति में मठ की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गोकर्ण पर्तगाळी मठ ने सदियों से मानवता, शिक्षा और सेवा के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि "भक्ति, सेवा और विकास — जब ये तीनों साथ चलते हैं, तभी समाज प्रगतिशील बनता है।" प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत की नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़े रहकर आधुनिकता को अपनाना चाहिए — यही मठ की शिक्षा का सार है।निष्कर्ष — परंपरा से भविष्य तक
श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ की 550वीं वर्षगांठ भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव थी। प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन केवल अतीत का स्मरण नहीं, बल्कि भविष्य के भारत के लिए एक प्रेरक संदेश भी था। मठ की यह यात्रा बताती है कि परंपरा और प्रगति विरोधी नहीं — बल्कि एक ही वृक्ष की दो शाखाएँ हैं। जब समाज अपनी संस्कृति को आत्मसात करता है, तभी वह सशक्त और समृद्ध होता है। 👉 Source: PIB — PM’s Address during the 550th-Year Celebration of Gokarn Partagali Jeevottam Math 🔗 NeoYojana — सरकारी योजनाओं और प्रेरक खबरों के लिए पढ़ें [ad_2]श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ – ताज़ा अपडेट
संक्षेप में: श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ऊपर दिए गए हैं।
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