लक्ष कंठ गीता पारायण: प्रधानमंत्री मोदी का प्रेरणादायक भाषण और 9 संकल्प | श्री कृष्ण मठ उडुपी 2025
लक्ष कंठ गीता पारायण कार्यक्रम, जो 28 नवंबर 2025 को कर्नाटक के पवित्र नगर उडुपी स्थित श्री कृष्ण मठ में आयोजित हुआ, भारत के लिए एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण था। इस अवसर पर लगभग एक लाख लोगों ने एक साथ श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ किया।
यह अद्भुत दृश्य तब और खास बन गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वहां पहुंचे और “गीता के कर्मयोग” को आधुनिक भारत के विकास और एकता से जोड़ा।
भूत-प्रसंग: क्यों यह आयोजन और दौरा ऐतिहासिक था
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लक्ष कंठ गीता पारायण केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि जब हजारों लोग एक स्वर में गीता के श्लोक गूंजाते हैं, तो वह केवल आस्था नहीं — बल्कि “राष्ट्र की सामूहिक चेतना” बन जाता है। गीता का संदेश हमें कर्म, कर्तव्य और करुणा का मार्ग दिखाता है — वही मार्ग जो एक सशक्त भारत की ओर ले जाता है। उडुपी का श्री कृष्ण मठ लगभग 800 वर्ष पुराना है, जिसकी स्थापना श्री मध्वाचार्य ने की थी। यह मठ द्वैत दर्शन और भक्ति परंपरा का प्रमुख केंद्र है। प्रधानमंत्री ने कहा — “भगवान कृष्ण की यह भूमि भारत के आध्यात्मिक उत्थान की जड़ है।”प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य संदेश और विचार
- 1. आध्यात्मिक सौभाग्य: मोदी ने कहा — “भगवान श्री कृष्ण का दर्शन, गीता मंत्रों का पाठ और संतों का आशीर्वाद — यह मेरे जीवन का परम सौभाग्य है।”
- 2. गीता — जीवन का मार्गदर्शन: गीता हमें सिखाती है कि कर्म ही पूजा है, और जब प्रत्येक नागरिक अपने कर्तव्य को निभाएगा, तभी देश का कल्याण होगा।
- 3. आधुनिक भारत में गीता की भूमिका: गीता का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है — यह आधुनिक नीतियों, समाज-निर्माण और पर्यावरण-संरक्षण में मार्गदर्शक है।
- 4. सामूहिक चेतना का उत्सव: एक लाख से अधिक लोगों का एक स्वर में गीता पाठ करना भारत की “एकता में विविधता” की सबसे सुंदर मिसाल है।
प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित 9 संकल्प — गीता-प्रेरित जीवन के नियम
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया कि वे गीता के आदर्शों को अपनाकर जीवन में यह 9 संकल्प जरूर लें:- जल का संरक्षण करें और नदियों को स्वच्छ रखें।
- हर वर्ष कम से कम एक पेड़ लगाएँ।
- गरीबों की मदद और सेवा को जीवन का हिस्सा बनाएँ।
- “वोकल फॉर लोकल” अपनाएँ और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दें।
- प्राकृतिक खेती और पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली अपनाएँ।
- योग, ध्यान और स्वस्थ भोजन (जैसे मिलेट्स) को दिनचर्या का भाग बनाएँ।
- सांस्कृतिक धरोहर और प्राचीन ग्रंथों की रक्षा करें।
- देश के कम से कम 25 विरासत स्थलों का भ्रमण करें।
- अपने आसपास के लोगों को भी समाज-सेवा में प्रेरित करें।
उडुपी श्री कृष्ण मठ और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
उडुपी का श्री कृष्ण मठ भारतीय भक्ति, दर्शन और शिक्षा का केंद्र है। यह केवल एक धार्मिक स्थान नहीं बल्कि समाज-सेवा और सांस्कृतिक अध्ययन का प्रेरणास्रोत है। इस आयोजन ने दिखाया कि भारत का युवा वर्ग अपनी जड़ों से गहराई से जुड़ा हुआ है और आधुनिकता के साथ संस्कृति को भी अपनाए हुए है।लक्ष कंठ गीता पारायण भाषण के प्रेरक उद्धरण
“गीता हमें यह सिखाती है कि जब हमारा उद्देश्य लोक-कल्याण हो, तब हर कर्म पूजा बन जाता है।”
“गीता का शब्द केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण का भी मार्गदर्शक है।”
इस आयोजन का समाज पर प्रभाव
लक्ष कंठ गीता पारायण ने यह संदेश दिया कि भारत की शक्ति उसकी विविधता, एकता और अध्यात्म में निहित है। इस आयोजन ने युवाओं में यह विश्वास जगाया कि “गीता केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन और राष्ट्र दोनों को दिशा देती है।” प्रधानमंत्री का यह संदेश स्पष्ट था — “विकसित भारत” का आधार केवल तकनीक या अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि नैतिकता और संस्कृति भी है।मानवता, धर्म और विकास — एक ही सूत्र में
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक भारत को आध्यात्मिकता और विज्ञान दोनों का संगम बनना होगा। गीता का “कर्मयोग” हमें सिखाता है कि परिणाम से अधिक महत्वपूर्ण है हमारा प्रयास और निष्ठा। उन्होंने युवाओं से कहा — “देश को कर्मयोगियों की जरूरत है, केवल आलोचकों की नहीं।”निष्कर्ष — गीता का संदेश, भारत का भविष्य
लक्ष कंठ गीता पारायण केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि भारत की आत्मा का उत्सव था। प्रधानमंत्री मोदी का भाषण इस तथ्य को रेखांकित करता है कि जब व्यक्ति अपने कर्म, समाज और संस्कृति से जुड़ता है, तभी सच्चे अर्थों में राष्ट्र निर्माण होता है। गीता हमें यह सिखाती है कि सच्चा धर्म वही है जो समाज के कल्याण के लिए समर्पित हो। अगर आप भी इस संदेश से प्रेरित हैं, तो जल बचाने, पेड़ लगाने, स्वदेशी अपनाने और जरूरतमंदों की सहायता करने जैसे छोटे-छोटे कदम उठाकर इन 9 संकल्पों को अपने जीवन में शामिल करें। यही कदम भारत को 2047 तक “विकसित भारत” की ओर ले जाएंगे। पूरा भाषण और अधिक जानकारी आप यहां पढ़ सकते हैं: 👉 Source Link: प्रधानमंत्री मोदी का भाषण — लक्ष कंठ गीता पारायण (PIB) 🔗 NeoYojana — सरकारी योजनाओं और अपडेट्स के लिए यहां पढ़ें [ad_2]संक्षेप में: लक्ष कंठ गीता पारायण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ऊपर दिए गए हैं।
सूची
- भूत-प्रसंग: क्यों यह आयोजन और दौरा ऐतिहासिक था
- प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य संदेश और विचार
- प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित 9 संकल्प — गीता-प्रेरित जीवन के नियम
- उडुपी श्री कृष्ण मठ और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
- लक्ष कंठ गीता पारायण भाषण के प्रेरक उद्धरण
- इस आयोजन का समाज पर प्रभाव
- मानवता, धर्म और विकास — एक ही सूत्र में
- निष्कर्ष — गीता का संदेश, भारत का भविष्य
- सवाल–जवाब
सूची
- भूत-प्रसंग: क्यों यह आयोजन और दौरा ऐतिहासिक था
- प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य संदेश और विचार
- प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित 9 संकल्प — गीता-प्रेरित जीवन के नियम
- उडुपी श्री कृष्ण मठ और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
- लक्ष कंठ गीता पारायण भाषण के प्रेरक उद्धरण
- इस आयोजन का समाज पर प्रभाव
- मानवता, धर्म और विकास — एक ही सूत्र में
- निष्कर्ष — गीता का संदेश, भारत का भविष्य
सवाल–जवाब
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यह लेख लक्ष कंठ गीता पारायण विषय पर नवीनतम और तथ्यात्मक अपडेट प्रस्तुत करता है।
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संक्षेप में: लक्ष कंठ गीता पारायण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ऊपर दिए गए हैं।