Tezpur University Protest 2025 – असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने धर्मेंद्र प्रधान से की बात, समाधान की उम्मीद

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Tezpur University Protest 2025 – असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने धर्मेंद्र प्रधान से की बात, समाधान की उम्मीद

तेजपुर (असम): तेजपुर विश्वविद्यालय में जारी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बातचीत की और विश्वविद्यालय की स्थिति पर चिंता जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया है कि कुलपति (Vice-Chancellor) के खिलाफ जांच पूरी होने तक एक Pro-Vice Chancellor नियुक्त किया जाए ताकि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक स्थिरता बनी रहे।

📢 विवाद का कारण – कुलपति पर आरोप

तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति शंभू नाथ सिंह पर छात्रों ने भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन शुरू कर दिया था जो अब अनिश्चितकालीन बंद (Indefinite Shutdown) में बदल गया है। 29 नवंबर से विश्वविद्यालय की सभी शैक्षणिक गतिविधियाँ और फाइनल सेमेस्टर परीक्षाएँ रद्द कर दी गई हैं। छात्रों का कहना है कि जब तक कुलपति को हटाया नहीं जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

📜 असम के सीएम का बयान

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ‘X’ (पूर्व Twitter) पर पोस्ट किया:
“मैंने आज तेजपुर विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति के संबंध में माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री @dpradhanbjp से बात की। मैंने मंत्री से आग्रह किया कि वर्तमान कुलपति के आचरण की निष्पक्ष जांच होने तक तुरंत एक प्रो-वाइस चांसलर नियुक्त किया जाए, ताकि शैक्षणिक स्थिरता बनी रहे।”
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें विश्वास है कि धर्मेंद्र प्रधान के सहयोग से इस विवाद का शीघ्र समाधान निकलेगा।

🎓 तेजपुर विश्वविद्यालय – आंदोलन की पृष्ठभूमि

तेजपुर विश्वविद्यालय (Tezpur University) असम के सोनितपुर जिले में स्थित एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। सितंबर 2024 से यहाँ के छात्र Vice-Chancellor के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि कुलपति ने अपने पद का दुरुपयोग किया, वित्तीय लेनदेन में अनियमितता की और विश्वविद्यालय के अकादमिक माहौल को बिगाड़ा। छात्रों ने मांग की है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक स्वतंत्र जांच समिति गठित की जाए।

📚 छात्रों की प्रमुख मांगें

  • वर्तमान कुलपति शंभू नाथ सिंह को तुरंत हटाया जाए।
  • उनके खिलाफ निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए।
  • विश्वविद्यालय में एक अंतरिम प्रशासक या प्रो-वाइस चांसलर की नियुक्ति की जाए।
  • रद्द की गई परीक्षाओं और अकादमिक कैलेंडर को पुनर्स्थापित किया जाए।
  • छात्र संघ और अध्यापक संघ की सिफारिशों पर विचार किया जाए।

🧾 आंदोलन को समर्थन देने वाले संगठन

तेजपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने भी छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है। दोनों संगठनों —
  • Tezpur University Teachers’ Association (TUTA)
  • Tezpur University Non-Teaching Employees’ Association (TUNTEA)
ने मिलकर Tezpur University United Forum (TUUF) का गठन किया है, जो वर्तमान में सभी विरोध प्रदर्शन की सामूहिक कमान संभाल रहा है।

📍 स्थिति – “क्लास और परीक्षाएँ अनिश्चितकाल तक स्थगित”

29 नवंबर से विश्वविद्यालय परिसर में सभी अकादमिक गतिविधियाँ बंद हैं। कक्षाएँ, परीक्षाएँ, प्रशासनिक बैठकें और प्रयोगशालाएँ सब कुछ स्थगित कर दिया गया है। कैंपस में साइलेंट प्रोटेस्ट, पोस्टर कैम्पेन और रात्रि सत्याग्रह चल रहे हैं। छात्रों का कहना है कि अगर उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई, तो वे दिल्ली जाकर शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

🗣️ शिक्षक संघ की प्रतिक्रिया

तेजपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (TUTA) ने कहा कि वे छात्रों की मांगों को वैध मानते हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने लंबे समय से शिक्षण गुणवत्ता और पारदर्शिता की अनदेखी की है। TUTA और TUNTEA दोनों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा —
“हम छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि शैक्षणिक वातावरण बहाल हो सके।”

⚖️ केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की भूमिका

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय एक Fact-Finding Committee गठित कर सकता है जो छात्रों, फैकल्टी और प्रशासन के बयानों को दर्ज करेगी। यह भी चर्चा है कि अगर जांच में अनियमितताएँ साबित होती हैं, तो वर्तमान कुलपति को अस्थायी रूप से हटाया जा सकता है।

💬 सोशल मीडिया पर बहस

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर #TezpurUniversityProtest ट्रेंड कर रहा है। देशभर के छात्र संगठनों ने इस आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया है।
  • “हम छात्रों के साथ हैं।” – All India Students’ Association
  • “शिक्षा में पारदर्शिता जरूरी है, छात्रों की आवाज़ दबाई नहीं जानी चाहिए।” – NSUI Assam

📈 संभावित समाधान

  • कुलपति पर अस्थायी कार्रवाई (Administrative Leave)।
  • एक निष्पक्ष जांच समिति का गठन।
  • Pro-Vice Chancellor या अंतरिम प्रशासक की नियुक्ति।
  • कैंपस में संवाद बहाली और क्लासेस पुनः शुरू करना।

🔔 निष्कर्ष

Tezpur University Protest 2025 भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग का प्रतीक बन गया है। छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों का एकजुट आंदोलन यह दिखाता है कि शिक्षा केवल डिग्री पाने का माध्यम नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी और प्रशासनिक पारदर्शिता का भी सवाल है। असम के मुख्यमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री के हस्तक्षेप से उम्मीद है कि यह गतिरोध जल्द खत्म होगा और विश्वविद्यालय की सामान्य गतिविधियाँ फिर से शुरू होंगी। शिक्षा जगत से जुड़ी ऐसी खबरों के लिए neoyojana.com विजिट करें। [ad_2] Source: Hindustan Times, NDTV Education, Times of India Education

Tezpur University Protest 2025 – ताज़ा अपडेट

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